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Love Shayari in Hindi - श्रेष्ठ लव हिंदी शायरी में

Love shayari in Hindi भावनाओं के सार को खूबसूरती से दर्शाती है। मिर्ज़ा ग़ालिब, गुलज़ार और राहत इंदौरी जैसे प्रसिद्ध भारतीय कवियों ने शाश्वत छंद लिखे हैं जो प्रेम और लालसा की गहराई को व्यक्त करते हैं। उनकी लव हिंदी शायरी दिल को छू जाती है, जिससे पाठक भावनाओं की तीव्रता से जुड़ जाते हैं। चाहे वह अनकही भावनाओं के बारे में हो या भावुक बयानों के बारे में, 2 line Love shayari प्रेरणा और आराम का स्रोत बनी हुई है। ये शायरी लव छंद न केवल प्रेम व्यक्त करते हैं बल्कि दो आत्माओं के बीच भावनात्मक बंधन का भी जश्न मनाते हैं।

नवीनतम लव शायरी हिंदी
वो कच्ची उमर के प्यार भी
(कवि : यासरा रिज़वी)

वो कच्ची उमर के प्यार भी
हैं तीर भी, तलवार भी
ताजा हैं दिल पे वार भी
और खूबसूरत यादगर भी
घर जाये वही
ऐसी भी कोई रात हो
सर सफ़ैद हो गया
लगता है कल की बात हो
ये कच्ची उमर के प्यार भी
बैरे पके निशान देते हैं
आज पे कम ध्यान देते हैं
बहके बहके बयान देते हैं
उन को देखे हुए मुद्दत हुई
और हम अब भी जान देते हैं

अब यह हमेशा इच्छाओं की एक श्रृंखला है
(कवि : Younis Francis)

अब यह हमेशा इच्छाओं की एक श्रृंखला है
मुस्कान का यह सिलसिला अभी खत्म नहीं हुआ है

यह देखकर कि एक दिन चमत्कार होगा
यहां पूजा का सिलसिला जारी है

मैं अब कभी भी कहीं भी अकेला नहीं रहा
इस तरह मैंने दोस्ती की श्रृंखला को फैलाया

यहाँ डर और दहशत है जहाँ तक आँख देख सकती है
कब शुरू करें या सुरक्षा का सिलसिला

जिस बीज को तुम सदा प्रेम से बोते हो
दुश्मनी का यह सिलसिला जरूर टूटेगा

मैं बस उसका खूबसूरत अंदाज देखना चाहता था
रात भर बातचीत का सिलसिला चलता रहा

हँसने नहीं देता कभी रोने नहीं देता
(कवि : अब्बास ताबिश)

हँसने नहीं देता कभी रोने नहीं देता
ये दिल तो कोई काम भी होने नहीं देता

तुम माँग रहे हो मिरे दिल से मिरी ख़्वाहिश
बच्चा तो कभी अपने खिलौने नहीं देता

मैं आप उठाता हूँ शब-ओ-रोज़ की ज़िल्लत
ये बोझ किसी और को ढोने नहीं देता

वो कौन है उस से तो मैं वाक़िफ़ भी नहीं हूँ
जो मुझ को किसी और का होने नहीं देता

जब तिरे नैन मुस्कुराते हैं
(कवि : अब्दुल हमीद अदम)

जब तिरे नैन मुस्कुराते हैं
ज़ीस्त के रंज भूल जाते हैं

क्यूँ शिकन डालते हो माथे पर
भूल कर आ गए हैं जाते हैं

कश्तियाँ यूँ भी डूब जाती हैं
नाख़ुदा किस लिए डराते हैं

इक हसीं आँख के इशारे पर
क़ाफ़िले राह भूल जाते हैं

ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
(कवि : साहिर लुधियानवी)

ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
इस रात की तक़दीर सँवर जाए तो अच्छा

जिस तरह से थोड़ी सी तिरे साथ कटी है
बाक़ी भी उसी तरह गुज़र जाए तो अच्छा

दुनिया की निगाहों में भला क्या है बुरा क्या
ये बोझ अगर दिल से उतर जाए तो अच्छा

वैसे तो तुम्हीं ने मुझे बरबाद किया है
इल्ज़ाम किसी और के सर जाए तो अच्छा

जब से तू ने मुझे दीवाना बना रक्खा है
(कवि : हकीम नासिर)

जब से तू ने मुझे दीवाना बना रक्खा है
संग हर शख़्स ने हाथों में उठा रक्खा है

उस के दिल पर भी कड़ी इश्क़ में गुज़री होगी
नाम जिस ने भी मोहब्बत का सज़ा रक्खा है

पत्थरो आज मिरे सर पे बरसते क्यूँ हो
मैं ने तुम को भी कभी अपना ख़ुदा रक्खा है

अब मिरी दीद की दुनिया भी तमाशाई है
तू ने क्या मुझ को मोहब्बत में बना रक्खा है

पी जा अय्याम की तल्ख़ी को भी हँस कर 'नासिर'
ग़म को सहने में भी क़ुदरत ने मज़ा रक्खा है

इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया
(कवि : सुदर्शन फ़ाकिर)

इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया
वर्ना क्या बात थी किस बात ने रोने न दिया

आप कहते थे कि रोने से न बदलेंगे नसीब
उम्र भर आप की इस बात ने रोने न दिया

रोने वालों से कहो उन का भी रोना रो लें
जिन को मजबूरी-ए-हालात ने रोने न दिया

तुझ से मिल कर हमें रोना था बहुत रोना था
तंगी-ए-वक़्त-ए-मुलाक़ात ने रोने न दिया

एक दो रोज़ का सदमा हो तो रो लें 'फ़ाकिर'
हम को हर रोज़ के सदमात ने रोने न दिया

इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है
(कवि : जिगर मुरादाबादी)

इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है
सिमटे तो दिल-ए-आशिक़ फैले तो ज़माना है

ये किस का तसव्वुर है ये किस का फ़साना है
जो अश्क है आँखों में तस्बीह का दाना है

दिल संग-ए-मलामत का हर-चंद निशाना है
दिल फिर भी मिरा दिल है दिल ही तो ज़माना है

हम इश्क़ के मारों का इतना ही फ़साना है
रोने को नहीं कोई हँसने को ज़माना है

वो और वफ़ा-दुश्मन मानेंगे न माना है
सब दिल की शरारत है आँखों का बहाना है

शाइ'र हूँ मैं शाइ'र हूँ मेरा ही ज़माना है
फ़ितरत मिरा आईना क़ुदरत मिरा शाना है

जो उन पे गुज़रती है किस ने उसे जाना है
अपनी ही मुसीबत है अपना ही फ़साना है

क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क़ ने जाना है
हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है

आग़ाज़-ए-मोहब्बत है आना है न जाना है
अश्कों की हुकूमत है आहों का ज़माना है

आँखों में नमी सी है चुप चुप से वो बैठे हैं
नाज़ुक सी निगाहों में नाज़ुक सा फ़साना है

हम दर्द-ब-दिल नालाँ वो दस्त-ब-दिल हैराँ
ऐ इश्क़ तो क्या ज़ालिम तेरा ही ज़माना है

या वो थे ख़फ़ा हम से या हम हैं ख़फ़ा उन से
कल उन का ज़माना था आज अपना ज़माना है

ऐ इश्क़-ए-जुनूँ-पेशा हाँ इश्क़-ए-जुनूँ-पेशा
आज एक सितमगर को हँस हँस के रुलाना है

थोड़ी सी इजाज़त भी ऐ बज़्म-गह-ए-हस्ती
आ निकले हैं दम-भर को रोना है रुलाना है

ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है

ख़ुद हुस्न-ओ-शबाब उन का क्या कम है रक़ीब अपना
जब देखिए अब वो हैं आईना है शाना है

तस्वीर के दो रुख़ हैं जाँ और ग़म-ए-जानाँ
इक नक़्श छुपाना है इक नक़्श दिखाना है

ये हुस्न-ओ-जमाल उन का ये इश्क़-ओ-शबाब अपना
जीने की तमन्ना है मरने का ज़माना है

मुझ को इसी धुन में है हर लहज़ा बसर करना
अब आए वो अब आए लाज़िम उन्हें आना है

ख़ुद्दारी-ओ-महरूमी महरूमी-ओ-ख़ुद्दारी
अब दिल को ख़ुदा रक्खे अब दिल का ज़माना है

अश्कों के तबस्सुम में आहों के तरन्नुम में
मा'सूम मोहब्बत का मा'सूम फ़साना है

आँसू तो बहुत से हैं आँखों में 'जिगर' लेकिन
बंध जाए सो मोती है रह जाए सो दाना है

अपने हाथों की लकीरों में सजा ले मुझ को
(कवि : क़तील शिफ़ाई)

अपने हाथों की लकीरों में सजा ले मुझ को
मैं हूँ तेरा तू नसीब अपना बना ले मुझ को

मैं जो काँटा हूँ तो चल मुझ से बचा कर दामन
मैं हूँ गर फूल तो जूड़े में सजा ले मुझ को

तर्क-ए-उल्फ़त की क़सम भी कोई होती है क़सम
तू कभी याद तो कर भूलने वाले मुझ को

मुझ से तू पूछने आया है वफ़ा के मा'नी
ये तिरी सादा-दिली मार न डाले मुझ को

मैं समुंदर भी हूँ मोती भी हूँ ग़ोता-ज़न भी
कोई भी नाम मिरा ले के बुला ले मुझ को

तू ने देखा नहीं आईने से आगे कुछ भी
ख़ुद-परस्ती में कहीं तू न गँवा ले मुझ को

बाँध कर संग-ए-वफ़ा कर दिया तू ने ग़र्क़ाब
कौन ऐसा है जो अब ढूँढ निकाले मुझ को

ख़ुद को मैं बाँट न डालूँ कहीं दामन दामन
कर दिया तू ने अगर मेरे हवाले मुझ को

मैं खुले दर के किसी घर का हूँ सामाँ प्यारे
तू दबे-पाँव कभी आ के चुरा ले मुझ को

कल की बात और है मैं अब सा रहूँ या न रहूँ
जितना जी चाहे तिरा आज सता ले मुझ को

बादा फिर बादा है मैं ज़हर भी पी जाऊँ 'क़तील'
शर्त ये है कोई बाँहों में सँभाले मुझ को

हिंदी शायरी श्रेणियाँ

टॉप लव शायरी - Love Shayari Hindi

प्यार एक सीमा-पार करने वाली भावना है, और love shayari in Hindi इन भावनाओं को व्यक्त करने के रूपों में विशेष रूप से एक विशेष स्थान रखती है। हिंदी शायरी प्यार, लालसा और जुनून को व्यक्त करने का एक कालातीत साधन है क्योंकि इसमें केवल मुट्ठी भर शब्दों में सबसे गहरी भावनाओं को पकड़ने की शक्ति है। चाहे आप अपने प्रियजन को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हों या उन्हें अपनी गहरी भावनाओं से अवगत कराना चाहते हों, श्रेष्ठ लव हिंदी शायरी में कविता, सौंदर्य और प्रेम का आदर्श मिश्रण प्रदान करती है।

शायरी की सदियों पुरानी परंपरा है जिसमें मिर्ज़ा ग़ालिब, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ और राहत इंदौरी जैसे कवियों ने विरासत का खजाना छोड़ा है। उनके पत्र समकालीन प्रेमियों को अपनी भावनाओं को ईमानदारी से व्यक्त करने के लिए प्रेरित करते हैं। श्रेष्ठ लव हिंदी शायरी में में भावनाओं को शब्दों में पिरोना ज़्यादा है जो आत्मा से जुड़ते हैं, न कि तुकबंदी करने के बारे में। जुदाई की पीड़ा से लेकर साथ के आनंद तक, प्यार का हर रंग शायरी में अपनी अभिव्यक्ति पाता है।

इसकी अनुकूलनशीलता love shayari in hindi की निरंतर लोकप्रियता को बढ़ाने वाले कारकों में से एक है। मूड के आधार पर, यह मीठा, रोमांटिक, उदासी या यहां तक ​​कि चंचल भी हो सकता है। लालसा का सार एक सीधी-सादी पंक्ति में खूबसूरती से कैद किया गया है। श्रेष्ठ लव हिंदी शायरी में ने डिजिटल युग में एक नया स्थान पाया है। ये काव्यात्मक रूप सोशल मीडिया, व्हाट्सएप स्टेटस और टेक्स्ट मैसेज में प्रचुर मात्रा में हैं, इस प्रकार, वे कुछ हद तक दैनिक रोमांस की तरह हैं। चाहे आप ऑनलाइन एक मार्मिक शायरी पोस्ट कर रहे हों या अपने जीवनसाथी के साथ कोई दोहे साझा कर रहे हों, ये शब्द रिश्तों को गहरा कर सकते हैं और बेहतरीन अनुभव बनाने में मदद कर सकते हैं।