Add Poetry

अब यह हमेशा इच्छाओं की एक श्रृंखला है

(कवि : Younis Francis)
अब यह हमेशा इच्छाओं की एक श्रृंखला है
मुस्कान का यह सिलसिला अभी खत्म नहीं हुआ है

यह देखकर कि एक दिन चमत्कार होगा
यहां पूजा का सिलसिला जारी है

मैं अब कभी भी कहीं भी अकेला नहीं रहा
इस तरह मैंने दोस्ती की श्रृंखला को फैलाया

यहाँ डर और दहशत है जहाँ तक आँख देख सकती है
कब शुरू करें या सुरक्षा का सिलसिला

जिस बीज को तुम सदा प्रेम से बोते हो
दुश्मनी का यह सिलसिला जरूर टूटेगा

मैं बस उसका खूबसूरत अंदाज देखना चाहता था
रात भर बातचीत का सिलसिला चलता रहा

हिंदी शायरी श्रेणियाँ
नवीनतम रोमांटिक हिंदी शायरी
इतनी मुद्दत बा'द मिले हो इतनी मुद्दत बा'द मिले हो
किन सोचों में गुम फिरते हो
इतने ख़ाइफ़ क्यूँ रहते हो
हर आहट से डर जाते हो
तेज़ हवा ने मुझ से पूछा
रेत पे क्या लिखते रहते हो
काश कोई हम से भी पूछे
रात गए तक क्यूँ जागे हो
में दरिया से भी डरता हूँ
तुम दरिया से भी गहरे हो
कौन सी बात है तुम में ऐसी
इतने अच्छे क्यूँ लगते हो
पीछे मुड़ कर क्यूँ देखा था
पत्थर बन कर क्या तकते हो
जाओ जीत का जश्न मनाओ
में झूटा हूँ तुम सच्चे हो
अपने शहर के सब लोगों से
मेरी ख़ातिर क्यूँ उलझे हो
कहने को रहते हो दिल में
फिर भी कितने दूर खड़े हो
रात हमें कुछ याद नहीं था
रात बहुत ही याद आए हो
हम से न पूछो हिज्र के क़िस्से
अपनी कहो अब तुम कैसे हो
'मोहसिन' तुम बदनाम बहुत हो
जैसे हो फिर भी अच्छे हो