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दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त

(कवि : )
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी

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