वो संगलाख़ ज़मीनों में शेर कहता था
(कवि : Khalid Rashid Asi)
कोई दुःख नहीं है
प्रेम ताजा है
प्रेम वह मोमबत्ती है जो
कोई राख नहीं है
जुल्म करने वाले के सामने भी प्यार
यह झुकता या झुकता नहीं है
जहाँ कम और कम वहाँ प्रेम होता है
वहां आंख भरी है
लव यू माई सिन
पूजा स्वयं एकीकृत है