Add Poetry

तुम सलामत रहो हज़ार बरस

(कवि : मिर्ज़ा ग़ालिब)
तुम सलामत रहो हज़ार बरस
हर बरस के हों दिन पचास हज़ार

हिंदी शायरी श्रेणियाँ
नवीनतम बर्थडे हिंदी शायरी