आपकी बहुत याद आती है
(कवि : Wasi Shah)
आपकी बहुत याद आती है
जब रात की नागिन धूल हो
विष नसों में प्रवेश करता है
जब चंद्रमा की किरणें तेज होती हैं
यह दिल फटा हुआ है
जब आंख के अंदर आंसू होते हैं
जंजीरों में बंधे हैं
आप भावनाओं से अभिभूत हैं
तब आपको बहुत याद आता है
जब दर्द का झुनझुना बजता है
जब नृत्य दुखों से भरा होता है
सपनों की लय में सब दुःख
भय के वाद्य बजाए जाते हैं
इच्छाओं के लिए गाओ
मस्ती में झूला
आप भावनाओं से अभिभूत हैं
तब आपको बहुत याद आता है