Add Poetry

दिल को छू लेने वाली शायरी - Heart Touching Shayari

Heart Touching Shayari in Hindi - दिल को छू लेने वाली शायरी हिंदी में अपने शब्दों और भावनाओं को व्यक्त करने का सबसे अच्छा तरीका है। अपनी भावना को शब्दों में व्यक्त करने का अद्भुत संग्रह देखें। यह अनुभाग हिंदी में सभी नवीनतम दिल को छू लेने वाली शायरी के विशाल डेटा पर आधारित है जो आपके परिवार, दोस्तों और प्रियजनों को समर्पित किया जा सकता है। इस दुनिया के सबसे बड़े दिल को छू लेने वाली शायरी इन हिंदी संकलन के साथ दिल की आंतरिक भावनाओं को व्यक्त करें जो एक व्यक्ति को शब्दों के माध्यम से भावनाओं को दिखाने की पेशकश करता है।

उम्र गुज़रेगी इम्तिहान में क्या उम्र गुज़रेगी इम्तिहान में क्या
दाग़ ही देंगे मुझ को दान में क्या
मेरी हर बात बे-असर ही रही
नुक़्स है कुछ मिरे बयान में क्या
मुझ को तो कोई टोकता भी नहीं
यही होता है ख़ानदान में क्या
अपनी महरूमियाँ छुपाते हैं
हम ग़रीबों की आन-बान में क्या
ख़ुद को जाना जुदा ज़माने से
आ गया था मिरे गुमान में क्या
शाम ही से दुकान-ए-दीद है बंद
नहीं नुक़सान तक दुकान में क्या
ऐ मिरे सुब्ह-ओ-शाम-ए-दिल की शफ़क़
तू नहाती है अब भी बान में क्या
बोलते क्यूँ नहीं मिरे हक़ में
आबले पड़ गए ज़बान में क्या
ख़ामुशी कह रही है कान में क्या
आ रहा है मिरे गुमान में क्या
दिल कि आते हैं जिस को ध्यान बहुत
ख़ुद भी आता है अपने ध्यान में क्या
वो मिले तो ये पूछना है मुझे
अब भी हूँ मैं तिरी अमान में क्या
यूँ जो तकता है आसमान को तू
कोई रहता है आसमान में क्या
है नसीम-ए-बहार गर्द-आलूद
ख़ाक उड़ती है उस मकान में क्या
ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता
एक ही शख़्स था जहान में क्या
Basheer
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से
सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं
सुना है दर्द की गाहक है चश्म-ए-नाज़ उस की
सो हम भी उस की गली से गुज़र के देखते हैं
सुना है उस को भी है शेर ओ शाइरी से शग़फ़
सो हम भी मो'जिज़े अपने हुनर के देखते हैं
सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं
ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं
सुना है रात उसे चाँद तकता रहता है
सितारे बाम-ए-फ़लक से उतर के देखते हैं
सुना है दिन को उसे तितलियाँ सताती हैं
सुना है रात को जुगनू ठहर के देखते हैं
सुना है हश्र हैं उस की ग़ज़ाल सी आँखें
सुना है उस को हिरन दश्त भर के देखते हैं
सुना है रात से बढ़ कर हैं काकुलें उस की
सुना है शाम को साए गुज़र के देखते हैं
सुना है उस की सियह-चश्मगी क़यामत है
सो उस को सुरमा-फ़रोश आह भर के देखते हैं
सुना है उस के लबों से गुलाब जलते हैं
सो हम बहार पे इल्ज़ाम धर के देखते हैं
सुना है आइना तिमसाल है जबीं उस की
जो सादा दिल हैं उसे बन-सँवर के देखते हैं
सुना है जब से हमाइल हैं उस की गर्दन में
मिज़ाज और ही लाल ओ गुहर के देखते हैं
सुना है चश्म-ए-तसव्वुर से दश्त-ए-इम्काँ में
पलंग ज़ाविए उस की कमर के देखते हैं
सुना है उस के बदन की तराश ऐसी है
कि फूल अपनी क़बाएँ कतर के देखते हैं
वो सर्व-क़द है मगर बे-गुल-ए-मुराद नहीं
कि उस शजर पे शगूफ़े समर के देखते हैं
बस इक निगाह से लुटता है क़ाफ़िला दिल का
सो रह-रवान-ए-तमन्ना भी डर के देखते हैं
सुना है उस के शबिस्ताँ से मुत्तसिल है बहिश्त
मकीं उधर के भी जल्वे इधर के देखते हैं
रुके तो गर्दिशें उस का तवाफ़ करती हैं
चले तो उस को ज़माने ठहर के देखते हैं
किसे नसीब कि बे-पैरहन उसे देखे
कभी कभी दर ओ दीवार घर के देखते हैं
कहानियाँ ही सही सब मुबालग़े ही सही
अगर वो ख़्वाब है ताबीर कर के देखते हैं
अब उस के शहर में ठहरें कि कूच कर जाएँ
'फ़राज़' आओ सितारे सफ़र के देखते हैं
Kamal
मजनूँ ने शहर छोड़ा तो सहरा भी छोड़ दे मजनूँ ने शहर छोड़ा तो सहरा भी छोड़ दे
नज़्ज़ारे की हवस हो तो लैला भी छोड़ दे
वाइ'ज़ कमाल-ए-तर्क से मिलती है याँ मुराद
दुनिया जो छोड़ दी है तो उक़्बा भी छोड़ दे
तक़लीद की रविश से तो बेहतर है ख़ुद-कुशी
रस्ता भी ढूँड ख़िज़्र का सौदा भी छोड़ दे
मानिंद-ए-ख़ामा तेरी ज़बाँ पर है हर्फ़-ए-ग़ैर
बेगाना शय पे नाज़िश-ए-बेजा भी छोड़ दे
लुत्फ़-ए-कलाम क्या जो न हो दिल में दर्द-ए-इश्क़
बिस्मिल नहीं है तू तो तड़पना भी छोड़ दे
शबनम की तरह फूलों पे रो और चमन से चल
इस बाग़ में क़याम का सौदा भी छोड़ दे
है आशिक़ी में रस्म अलग सब से बैठना
बुत-ख़ाना भी हरम भी कलीसा भी छोड़ दे
सौदा-गरी नहीं ये इबादत ख़ुदा की है
ऐ बे-ख़बर जज़ा की तमन्ना भी छोड़ दे
अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल
लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे
जीना वो क्या जो हो नफ़स-ए-ग़ैर पर मदार
शोहरत की ज़िंदगी का भरोसा भी छोड़ दे
शोख़ी सी है सवाल-ए-मुकर्रर में ऐ कलीम
शर्त-ए-रज़ा ये है कि तक़ाज़ा भी छोड़ दे
वाइ'ज़ सुबूत लाए जो मय के जवाज़ में
'इक़बाल' को ये ज़िद है कि पीना भी छोड़ दे
Kaif
ख़िरद-मंदों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या है ख़िरद-मंदों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या है
कि मैं इस फ़िक्र में रहता हूँ मेरी इंतिहा क्या है
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है
मक़ाम-ए-गुफ़्तुगू क्या है अगर मैं कीमिया-गर हूँ
यही सोज़-ए-नफ़स है और मेरी कीमिया क्या है
नज़र आईं मुझे तक़दीर की गहराइयाँ इस में
न पूछ ऐ हम-नशीं मुझ से वो चश्म-ए-सुर्मा-सा क्या है
अगर होता वो 'मजज़ूब'-ए-फ़रंगी इस ज़माने में
तो 'इक़बाल' उस को समझाता मक़ाम-ए-किबरिया क्या है
नवा-ए-सुब्ह-गाही ने जिगर ख़ूँ कर दिया मेरा
ख़ुदाया जिस ख़ता की ये सज़ा है वो ख़ता क्या है
Kabir
बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए
मैं पीना चाहता हूँ पिला देनी चाहिए
अल्लाह बरकतों से नवाज़ेगा इश्क़ में
है जितनी पूँजी पास लगा देनी चाहिए
दिल भी किसी फ़क़ीर के हुजरे से कम नहीं
दुनिया यहीं पे ला के छुपा देनी चाहिए
मैं ख़ुद भी करना चाहता हूँ अपना सामना
तुझ को भी अब नक़ाब उठा देनी चाहिए
मैं फूल हूँ तो फूल को गुल-दान हो नसीब
मैं आग हूँ तो आग बुझा देनी चाहिए
मैं ताज हूँ तो ताज को सर पर सजाएँ लोग
मैं ख़ाक हूँ तो ख़ाक उड़ा देनी चाहिए
मैं जब्र हूँ तो जब्र की ताईद बंद हो
मैं सब्र हूँ तो मुझ को दुआ देनी चाहिए
मैं ख़्वाब हूँ तो ख़्वाब से चौंकाइए मुझे
मैं नींद हूँ तो नींद उड़ा देनी चाहिए
सच बात कौन है जो सर-ए-आम कह सके
मैं कह रहा हूँ मुझ को सज़ा देनी चाहिए
Hamdan
तुम अपने शिकवे की बातें न खोद खोद के पूछो तुम अपने शिकवे की बातें न खोद खोद के पूछो
हज़र करो मिरे दिल से कि इस में आग दबी है
दिला ये दर्द-ओ-अलम भी तो मुग़्तनिम है कि आख़िर
न गिर्या-ए-सहरी है न आह-ए-नीम-शबी है
नज़र ब-नक़्स-ए-गदायाँ कमाल-ए-बे-अदबी है
कि ख़ार-ए-ख़ुश्क को भी दावा-ए-चमन-नसबी है
हुआ विसाल से शौक़-ए-दिल-ए-हरीस ज़ियादा
लब-ए-क़दह पे कफ़-ए-बादा जोश-ए-तिश्ना-लबी है
ख़ुशा वो दिल कि सरापा तिलिस्म-ए-बे-ख़बरी हो
जुनून ओ यास ओ अलम रिज़्क़-ए-मुद्दआ-तलबी है
चमन में किस के ये बरहम हुइ है बज़्म-ए-तमाशा
कि बर्ग बर्ग-ए-समन शीशा रेज़ा-ए-हलबी है
इमाम-ए-ज़ाहिर-ओ-बातिन अमीर-ए-सूरत-ओ-मअनी
'अली' वली असदुल्लाह जानशीन-ए-नबी है
शाह
Famous Poets
View More Poets

Heart Touching Shayari in Hindi

साहित्यिक योग्यता यह जानने के केंद्र में है कि कविता का निर्माण तब होता है जब बात प्रेम, भावना और लालसा की आती है। कविता पढ़ना और रचना करना हमारी इंद्रियों के साथ-साथ हमारी भावनाओं को भी संलग्न करता है, जिससे यह कला रूप अनुभवात्मक और हमारे दिमाग से जुड़ने में शक्तिशाली हो जाता है। जब हम वास्तव में अपनी भावनाओं के बीच होते हैं और स्पष्टता पाने के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं, तो सबसे अच्छी कविता हमारे द्वारा बनाई या पसंद की जाती है। हमने हिंदी में अद्भुत दिल को छू लेने वाली शायरी संकलित की है जो आपको अपने निजी जीवन में महसूस होने वाले सार से जुड़े रहने में मदद करेगी। दिल को छू लेने वाली हिंदी शायरी हमें अपनी भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करने में मदद करती है। अपने प्यार, दर्द और दुःख को ज़ोर से कहना आसान बात नहीं है। किसी को यह बताने के लिए कि आप कैसा महसूस करते हैं, बहुत प्रयास और साहस की आवश्यकता होती है। गर्लफ्रेंड के लिए हिंदी में दिल को छू लेने वाली लव शायरी यह बताने का माध्यम है कि हम किसी के लिए एक विशेष भावना महसूस कर रहे हैं।

ऐसे बहुत से कवि हैं जिन्होंने इस भावना को कवर करने के लिए कई कविताएँ और छोटी कविताएँ लिखी हैं। जॉन एलिया, फ़राज़, ग़ालिब, गुलज़ार और कई अन्य प्रसिद्ध कवियों ने इस माध्यम का उपयोग करके अपने दिल की भावनाओं को शब्दों में पिरोया। हमने उन लोगों के लिए हिंदी में सभी दिल को छू लेने वाली शायरी इकट्ठी की है जो ऐसी शायरी पढ़ना पसंद करते हैं या वे इसका इस्तेमाल अपने दिल की बात व्यक्त करने के लिए करना चाहते हैं। इन कविताओं में लोगों से जुड़ने की ताकत है.

User Reviews

The Forgiveness Poetry section offers touching poems about the power and importance of forgiveness. Ideal for those looking to heal and move forward.

  • Ahad , Sukkur
  • Mon 20 May, 2024

Always be kind to other and always be forgiving. Here is a huge content related to the forgiveness poetry that is remarkable.

  • Madiha Shah , Multan
  • Thu 08 Dec, 2022